ए. पी. जे. अब्दुल कलाम "भारत की आवाज़"
मूल्य : $ 12.95
प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स
आईएसबीएन : 9788170288855
प्रकाशित : जनवरी ०१, २०१५
‘‘मुझे लगता है कि हमें देश के लिए एक अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है, ठीक वैसा ही दृष्टिकोण जैसा अंग्रेज़ों के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम के समय हमारा था। उस समय राष्ट्रवाद की भावना बहुत प्रबल थी। भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए आवश्यक यह दूसरा दृष्टिकोण एक बार फिर राष्ट्रवाद की भावना को शीर्ष पर लाएगा।’’
विकाश के लाभ उठाने के बाद अब भारत के लोग अधिक शिक्षा, अधिक अवसरों और अधिक विकास के लिए बेताब हैं। लेकिन समृद्ध और संगठित भारत के निर्माण का उनका यह सपना कहीं-न-कहीं चूर-चूर होता दिखाई दे रहा है : देश को बांटने वाली राजनीति, बढ़ती आर्थिक विषमता और देश तथा उसकी सीमाओं पर मौजूद डर और अशांति के दानव देश के मर्मस्थल पर चोट कर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में देश और उसकी अवधारणा की रक्षा कैसे की जाए और विकास के लक्ष्य पर कैसे आगे बढ़ा जाए ?
यह पुस्तक कुछ ऐसे ही प्रश्न उठाती है और उनके उत्तर तलाशती है।
डॉ. कलाम का मानना है कि किसी भी देश की आत्मा उसमें रहने वाले लोग होते हैं, और उनकी उन्नति में ही देश की उन्नति है। आदर्शवाद से ओतप्रोत, लेकिन वास्तविकता से जुड़ी भारत की आवाज़ दर्शाती है कि व्यक्गित और राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति संभव है, बशर्ते हम इस सिद्धांत पर चलें कि ‘‘देश किसी भी व्यक्ति या संगठन से बढ़कर होता है’’ और यह समझें कि ‘‘केवल सीमारहित मस्तिष्क ही सीमारहित समाज का निर्माण कर सकते हैं।’’
भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश के अब तक के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति सिद्ध हुए हैं। वे भारत के उन लाखों युवाओं के आदर्श हैं जो उन्हीं की तरह मेहनत और ईमानदारी से सफलता पाना चाहते हैं।
भारत की गिनती भी एक दिन विकसित देशों में की जाएगी, इसी विश्वास और संकल्प के साथ डॉ. कलाम राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बावजूद आज भी लोगों के बीच जाकर उनसे मिलते हैं, बातचीत करते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। लोग उनकी बात मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं, खासकर युवाओं के लिए उनकी कही हर बात विशेष महत्त्व रखती है, क्योंकि उन्हें लगता है कि देश के पुनरुत्थान की अगर कोई उम्मीद शेष है, तो वह केवल डॉ. कलाम ही हैं। शायद इसी कारण राष्ट्रपति के रूप में वे जहां भी गए, और आज भी वे जहां भी जाते हैं, लोग उनसे अपने मन में जब-तब उठने वाले ढेरों प्रश्न करते हैं।
भारत की आवाज़ उनसे पूछे गए ऐसे ही कुछ बेहद दिलचस्प, प्रासंगिक और कुछ अप्रासंगिक लेकिन रोचक प्रश्नों का संकलन है। ये प्रश्न भारत के युवाओं के सपनों, सरोकारों और महत्त्वाकांक्षाओं की झलक पेश करते हैं, और डॉ. कलाम के उत्तर सशक्त, संगठित और समृद्ध भारत के निर्माण की राह दिखाते हैं।
यह पुस्तक विकसित भारत के निर्माण की राह दिखाती है। युवाओं को यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए।
—दैनिक ट्रिब्यून
‘नंबर वन’ तो अपने कलाम साहब हैं ही और इस पुस्तक से मालूम होता है कि वे अपने देश को बड़ा बनाने का सपना हकीकत में कैसे बदलते देखना चाहते हैं।
—खुसवंत सिंह
‘भारत की आवाज़’ पढ़ने से पता चलता है कि राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद भी कलाम इतने लोकप्रिय क्यों हैं। इस पुस्तक में कहीं कलाम एक दार्शनिक के रूप में नज़र आते हैं तो कहीं उनकी बातों में एक जननेता की झलक दिखाई देती है।
Dr.ऐ पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार
🌟Quote 1:
Climbing to the top demands strength, whether it is to the top of Mount Everest or to the top of your career.
शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का.
🌟Quote 2:
Do we not realize that self respect comes with self reliance?
क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ?
🌟Quote 3:
Be more dedicated to making solid achievements than in running after swift but synthetic happiness.
कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये.
🌟Quote 4:
English is necessary as at present original works of science are in English. I believe that in two decades times original works of science will start coming out in our languages. Then we can move over like the Japanese.
अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं. मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे.
🌟Quote 5:
God, our Creator, has stored within our minds and personalities, great potential strength and ability. Prayer helps us tap and develop these powers.
भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं. इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है ।
🌟Quote 6:
I was willing to accept what I couldn’t change.
मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 7: Great dreams of great dreamers are always transcended.
In Hindi : महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 8: If a country is to be corruption free and become a nation of beautiful minds, I strongly feel there are three key societal members who can make a difference. They are the father, the mother and the teacher.
In Hindi : अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो , मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं. पिता, माता और गुरु.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 9:If we are not free, no one will respect us.
In Hindi : यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 10: In India we only read about death, sickness, terrorism, crime.
In Hindi : भारत में हम बस मौत, बीमारी , आतंकवाद और अपराध के बारे में पढ़ते हैं.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 11: Let us sacrifice our today so that our children can have a better tomorrow.
In Hindi : आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 12: Look at the sky. We are not alone. The whole universe is friendly to us and conspires only to give the best to those who dream and work.
In Hindi :आकाश की तरफ देखिये. हम अकेले नहीं हैं. सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 13: Man needs his difficulties because they are necessary to enjoy success.
In Hindi : इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 14 : No religion has mandated killing others as a requirement for its sustenance or promotion.
In Hindi : किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया.
अब्दुल कलाम Abdul Kalam
Quote 15: Tell me, why is the media here so negative? Why are we in India so embarrassed to recognise our own strengths, our achievements? We are such a great nation. We have so many amazing success stories but we refuse to acknowledge them. Why?
In Hindi : मुझे बताइए , यहाँ का मीडिया इतना नकारात्मक क्यों है? भारत में हम अपनी अच्छाइयों, अपनी उपलब्धियों को दर्शाने में इतना शर्मिंदा क्यों होते हैं? हम एक माहान राष्ट्र हैं.
A. P. J. Abdul Kalam Awards and honours
2014------->Doctor of Science
2012------->Doctor of Laws (Honoris Causa)
2011------->IEEE Honorary Membership
2010------->Doctor of Engineering
2009------->Honorary Doctorate
2009------->Hoover Medal
2009------->International von Kármán Wings Award
2008------->Doctor of Engineering (Honoris Causa)
2007------->King Charles II Medal
2007------->Honorary Doctorate of Science
2000------->Ramanujan Award
1998------->Veer Savarkar Award
1997------->Indira Gandhi Award for National Integration
1997------->Bharat Ratna
1994------->Distinguished Fellow
1990------->Padma Vibhushan
1981------->Padma Bhushan
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“Don’t take rest after your first victory because if you fail in second, more lips are waiting to say that your first victory was just luck.” - A.P.J Abdul Kalam
“All Birds find shelter during a rain. But Eagle avoids rain by flying above the Clouds.” - A.P.J Abdul Kalam
“Failure will never overtake me if my definition to succeed is strong enough”. - A.P.J Abdul Kalam
“Man needs difficulties in life because they are necessary to enjoy the success.” - A.P.J Abdul Kalam
“If you want to shine like a sun. First burn like a sun.” - A.P.J Abdul Kalam
“It is very easy to defeat someone, but it is very hard to win someone” - A.P.J Abdul Kalam
"All of us do not have equal talent. But , all of us have an equal opportunity to develop our talents.” - A.P.J Abdul Kalam
" Be more dedicated to making solid achievements than in running after swift but synthetic happiness." -A.P.J Abdul Kalam
"Thinking should become your capital asset, no matter whatever ups and downs you come across in your life." - A.P.J Abdul Kalam
" Without your involvement you can't succeed. With your involvement you can't fail. " - A.P.J Abdul Kalam
You have to dream before your dreams can come true.
- A.P.J. Abdul Kalam
To succeed in your mission, you must have single-minded devotion to your goal.
- A.P.J. Abdul Kalam
n d last one.......
"DONT DECLARE HOLIDAY ON MY DEATH, INSTEAD WORK AN EXTRA DAY, IF U LOVE ME"- DR. APJA KALAAM
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा विकसित ''शिक्षकों के लिए शपथ''
1. सबसे पहले, मैं शिक्षण से प्रेम करूँगा/करूंगी। शिक्षण मेरी आत्मा होगी।
2. मैं महसूस करता/करती हूँ कि मैं न सिर्फ छात्रों को अपितु प्रज्वलित युवाओं को आकार देने के लिए जिम्मेदार हूँ, जो पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी पर और पृथ्वी के ऊपर सबसे शक्तिशाली संसाधन हैं। मैं शिक्षण के महान मिशन के लिए सम्पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हो जाऊंगा/जाऊंगी।
3. मैं स्वयं को एक महान शिक्षक बनाने के लिए विचार करूंगा/करूंगी,जिससे मैं अपने विशिष्ट शिक्षण के माध्यम से औसत स्तर के बालक का उत्थान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए कर सकता/सकती हूँ।
4. विद्यार्थियों के साथ मेरा कार्य-व्यवहार एक माँ, बहन, पिता या भाई की तरह दयावान और स्नेहपूर्ण रहेगा।
5. मैं अपने जीवन को इस प्रकार से संगठित एवं व्यवहृत करूँगा/करूँगी कि मेरा जीवन स्वयं ही मेरे विद्यार्थियों के लिए एक संदेश बने।
6. मैं अपने विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने तथा उनमें जिज्ञासा की भावना को विकसित करने को प्रोत्साहित करूंगा/करूँगी, ताकि वे रचनात्मक प्रबुद्ध नागरिक के रूप में विकसित हो सके।
7. मैं सभी विद्यार्थियों से एकसमान व्यवहार करूंगा/करूँगी तथा धर्म, समुदाय या भाषा के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का समर्थन नहीं करूंगा/करूँगी।
8. मैं लगातार अपने शिक्षण में क्षमता का निर्माण करूँगा/करूँगी ताकि मैं अपने छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर सकूं।
9. मैं अत्यंत आनन्द के साथ अपने छात्रों की सफलता का जश्न मनाऊँगा/मनाऊँगी।
10. एक शिक्षक होने के नाते मैं अहसास करता/करती हूँ कि राष्ट्रीय विकास के लिए की जा रही सभी पहल में मैं एक महत्वपूर्ण योगदान कर रहा/रही हूँ।
11. मैं लगातार मेरे मन को महान विचारों से भरने तथा चिंतन व कार्य व्यवहार में सौम्यता का प्रसार करने का प्रयास करूँगा/करूँगी।
12. हमारा राष्ट्रीय ध्वज मेरे ह्रदय में फहराता है तथा मैं अपने देश के लिए यश लाऊँगा/लाऊँगी।
कलाम साहब का एक सन्देश जिसे पढ़कर आप रो उठेंगे
जननायक और जनता के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का दुःखद इंतकाल को चुका है लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे वे आज भी हमारे बीच में मौजूद हैं। पूर्व राष्ट्रपति का जीवन सबके लिए आदर्शमय जीवन था। पेपर बेचने वाला एक गरीब लड़का एक दिन देश का राष्ट्रपति बन जाय, ऐसा कम ही देखने को मिलता है। कलाम साहब ने जीवन भर केवल ज्ञान बांटने का काम किया और 83 वर्ष की आयु में निधन के समय भी वे ज्ञान बाँट रहे थे। कलाम साहब ने कुछ ऐसी बातें भी कहीं जिसे पढ़कर आँख में आंसू आ जाते हैं :
1. अगर किसी देश को भ्रस्टाचार मुक्त और खूबसूरत विचारों वाला राष्ट्र बनना है तो मेरे विचार से तीन लोग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, वे हैं माँ, बाप और शिक्षक।
2. उन्होंने कहा था कि आज के समय में इंग्लिश इसलिए जरूरी है क्यूंकि ज्यादातर वैज्ञानिक काम अंग्रेजी में ही हुए हैं, लेकिन मेरा विश्वास है कि अगले दो दशकों में विज्ञान का वास्तविक काम हमारी अपनी भाषा में भी शुरू हो जाएगा तब हम बहुत आगे बढ़ जाएंगे जैसे जापानी लोग आगे बढे हैं।
3. सपनो को सच करने के लिए सपने देखना भी जरूरी है।
4. अधिक सपने देखने वालों के ज्यादातर सपने पूरे होते हैं।
4. अगर आप अपने अभियान में सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने लक्ष्य पर पूरी एकाग्रता के साथ ध्यान केन्द्रित करना पड़ेगा।
5. इंसान के लिए सफलता पाने के लिए उसके जीवन में समस्याएं होनी भी जरूरी हैं, इससे हमें ताकत मिलती है।
6. ना तो हमें हार माननी चाहिए और ना ही समस्याओं को हमें हराने की अनुमति देनी चाहिए।
7. मेरी मौत पर छुट्टी मत करना बल्कि अगर आप मुझे सच में प्यार करते हैं तो उस दिन और काम करना
– Dr APJ Abdul Kalam
7 दिन के राष्ट्रीय शोक के समय क्या होता है: पढ़ें और जानें??
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर केंद्र सरकार ने 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज अबुल कलाम की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया और उन्हें भारत का अब तक का सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति बताया। इसी के साथ पूर्व राष्ट्रपति को सम्मान देने और उनकी याद को ताजा करने के लिए 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गयी है।
🌀आइये जानते हैं इन 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक के दिनों में क्या क्या होता है:-
1⃣समस्त भारत में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्रियों की मृत्यु पर राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है और झंडा आधा झुका रहता है।
2⃣इन सात दिनों में मरने वाले की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
3⃣देशवासियों द्वारा मरने वाले की याद को ताजा किया जाता है और उसके योगदान की प्रशंसा की जाती है।
4⃣केंद्र सरकार द्वारा ही राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है।
5⃣मरने वाले महान व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है।
6⃣भारतीय झंडा और भारतीय सेना का झंडा आधा झुका रहता है।
7⃣जगह जगह शोक सभाएं आयोजित की जाती हैं।
इन दिनों सरकारी दफ्तरों में छुट्टी भी की जा सकती है। कलाम साहब के निधन पर छुट्टी इसलिए नहीं की जा सकती क्यूंकि उनका सन्देश कुछ ऐसा था कि “मेरी मौत पर छुट्टी मत करना बल्कि अगर आप मुझे सच में प्यार करते हैं तो उस दिन और काम करना
– Dr APJ Abdul Kalam”
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